ज्योतिष का उद्देश्य सटीक भविष्य कथन करना है लेकिन इसका उत्तम उपयोग समस्याओं के सही व प्रभावशाली निराकरण में है।
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अतीत में लौट सकतें हैं हम, घटनाओं में पीछे लौटना भविष्य कथन करना अनागत को अघटित को पहले ही से देख लेना हमारी ही सिफत है.
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सी व्यक्ति विशेष के लिए किसी कुंडली को पढ़कर उसका भविष्य कथन करना जितना महत्वपूर्ण व अहम कार्य है उतना ही महत्वपूर्ण उस व्यक्ति विशेष के लिए रत्न का चुनाव करके बताना भी है।
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इस ' अपरा ' विद्या के माध्यम से अंतरीक्ष में टिमटिमाते असंख्य ताराओं को 108 पुंज रुपी नक्षत्र चरणों में, तथा इन 108 नक्षत्र चरणों को 27 नक्षत्रों में एवं इन 27 नक्षत्रों को 12 राशियों में और इन बारह राशियों को नवग्रहों के प्राकृतिक प्रभावों को एक छोटे से कागज पर जन्मांक चक्र में रेखांकित कर शिशु के भूत, भविष्य एवं वतर्मान का सटीक पूर्वानुमान लगाकर पुख्ता भविष्य कथन करना क्या यह ' अपरा ' विद्या रुपी विज्ञान नहीं है।